
22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में शहीद हुए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल ने एक संवेदनशील अपील करते हुए लोगों से मुसलमानों और कश्मीरियों को निशाना न बनाने की बात कही थी। उन्होंने समाज से शांति और सद्भाव बनाए रखने की गुजारिश की थी।
5 मई 2025 राशिफल: जानिए क्या कहती है आपकी राशि, कैसा रहेगा आपका दिन
बयान के बाद ट्रोलिंग शुरू
हिमांशी का यह मानवीय और संवेदनशील बयान सोशल मीडिया पर कई लोगों को नागवार गुज़रा, जिसके बाद उन्हें जमकर ट्रोल किया गया। कुछ यूज़र्स ने उनके बयान को राष्ट्रविरोधी बताने की कोशिश की, तो कुछ ने उनके निजी जीवन और विचारों पर सवाल उठाए।
NCW ने जताई आपत्ति
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने ट्रोलिंग पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। एक्स पर जारी बयान में आयोग ने कहा:
“लेफ्टिनेंट विनय नरवाल जी की मृत्यु के पश्चात उनकी पत्नी सुश्री हिमांशी नरवाल जी को उनके एक बयान के संदर्भ में सोशल मीडिया पर जिस प्रकार से निशाना बनाया जा रहा है, वह अत्यंत निंदनीय एवं दुर्भाग्यपूर्ण है।”
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान ज़रूरी
एनसीडब्ल्यू ने साफ किया कि किसी महिला को उसकी वैचारिक अभिव्यक्ति या व्यक्तिगत जीवन के आधार पर ट्रोल करना संविधान के खिलाफ है। आयोग ने यह भी कहा कि सहमति या असहमति को शालीनता और संवैधानिक मर्यादाओं के साथ ज़ाहिर किया जाना चाहिए।
हिमांशी नरवाल का बयान मानवता और एकता का संदेश लिए हुए था। ऐसे समय में जब देश एक वीर सपूत को खो चुका है, समाज को एकजुटता दिखाने की जरूरत है, न कि विचार व्यक्त करने पर महिलाओं को निशाना बनाने की।
India 2.0 को साझेदार चाहिए, संन्यासी नहीं!” – जयशंकर का यूरोप को कड़क जवाब